Description
सांख्य एवं योग दर्शन का संछिप्त विवरण : इस संस्करण का मूल आधार पू० आचार्य श्री द्वारा पूर्व प्रकाशित संस्करण ही है। इसमें जो परिष्कार और संवर्धन किया गया है – वह उन्हीं के द्वारा समय-समय पर दिये जाते रहे संकेत यूत्रों के अनुसार ही किया जया है। भाषा और अभिव्यक्ति को अधिक स्पष्ट तथा प्रामाणिक बनाने के लिए दर्शन ग्रन्थों पर विभिन्न विज्ञ-पुरुषों और संस्थानों द्वारा प्रस्तुत शोध प्रबन्धों का भी सहारा लिया गया है……
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