वायु, सड़क या रेल? प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर पहुंचने के सारे रास्ते

कामाख्या देवी मंदिर कैसे पहुंचे वायु, सड़क या रेल? प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर पहुंचने के सारे रास्ते

कामाख्या देवी मंदिर कैसे पहुंचे वायु, सड़क या रेल? प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर पहुंचने के सारे रास्ते  How To Reach Kamakhya Devi Temple

वायु, सड़क या रेल? प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर पहुंचने के सारे रास्ते

कामाख्या देवी मंदिर कैसे पहुंचे वायु, सड़क या रेल? प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर पहुंचने के सारे रास्ते प्रसिद्ध कामाख्या देवी का मंदिर असम राज्य की राजधानी दिसपुर से मात्र 13 किलोमीटर दूर स्थित है। यह असम के कामरूप जिले के गुवाहाटी शहर में स्थित कामागिरी पर्वत (नीचालच पर्वत) पर स्थित है। नीलांचल अथवा नीलशैल पर्वतों पर स्थित मां कामाख्या का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां देवी सती का योनी भाग गिर गया था। इस शक्तिपीठ को तंत्रसाधना का प्रमुख स्थान माना जाता है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। कामाख्या मंदिर पहुंचने के लिए सड़क, वायु और रेलवे के कई रास्ते हैं। यहां हम आपको हर रास्ते के बारे में बता रहे हैं…

वायु परिवहन
कामाख्या मंदिर के सबसे नजदीक लोकप्रिय गोपीनाथ बारडोलोई एयरपोर्ट (गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) है। एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी महज 20 किलोमीटर है। इस एयरपोर्ट के लिए नई दिल्ली, मुंबई और चेन्नै से नियमित फ्लाइट मिल जाती हैं। आप यहां आकर टैक्सी, ऑटो या फिर बस के जरिए मंदिर तक जा सकते हैं।

रेल परिवहन
कामाख्या शहर के लिए अपना एक जंक्शन है। इसका नाम कामाख्या जंक्शन रेलवे स्टेशन है। हालांकि देश के सभी कोनों से कनेक्टिविटी के लिए गुवाहाटी रेलवे स्टेशन ही बेस्ट है। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद किसी ऑटो/बस के सहारे मंदिर या अपनी तय होटेल का सफर किया जा सकता है।

 

सड़क परिवहनगुवाहाटी रेलवे स्टेशन और कामाख्या मंदिर के बीच 7 किलोमीटर की दूरी है। रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर फुट ओवर ब्रिज को पार करें। अब यहां से ऑटो रिक्शा, बस या टैक्सी कर लें। आम तौर पर ऑटो रिक्शा 100 रुपये लेता है। आप चाहें तो असम ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की बसों में भी यात्रा कर सकते हैं। सलाह यही है कि पहले आप होटेल में जाएं ताकि वहां थोड़ी देर रेस्ट करके आराम से तरोताजा दिमाग के साथ मंदिर की ओर प्रस्थान कर सकें। बाकी देवी मंदिरों की तरह ही कामाख्या देवी का मंदिर भी एक पहाड़ी पर स्थित है। इस पहाड़ी का नाम नीलाचल पर्वत है। इस पहाड़ी के नीचे से सीढ़ियां शुरू होती हैं जहां से आप मंदिर के लिए यात्रा शुरू कर सकते हैं। वृद्ध लोगों के लिए यहां कुलियों की भी व्यवस्था भी है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *